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NaMoJi did try to end corruption sincerely. However, he didn’t
think over it thoroughly and didn’t consider various hindrances. Therefore, his
planning looked as if it’s all “ईश्वर भरोसे”Common people suffered and would continue to
suffer for quite some time whereas rich would come out safely, may be with
minor scratches. Government took similar action in 1978 when no sophisticated
arms were available. In spite of this that time common man didn’t suffer but
those who had amassed billions worth black money escaped. Some did suffer and
had used currency notes for making cigarettes. As on today there are many
facilities available to make transition smooth & trouble free with 100%
success. These have been discussed
in earlier articles with adequatedetails. This article concentrates on the trouble less procedure.
Step by step procedure is highlighted below.
1. A group of IT companies be
employed on job of safe, secure, trouble free; simple for use money transfer
using computers; mobile phones.
2. In
case, it is found illiterates can’t use this method of money transfer then two
independent methods should be evolved on for literates and another for illiterates.
3. As far as literates are
concerned electronic method of money transfer be provided meaning steps
should be taken for money
transfer by electronic means.
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Rs. 50 notes are adequate
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As far as illiterates
are concerned they are mostly in poor category and their need for money
transfer can be fulfilled with smaller denomination currency notes say Rs. 50
and below. This means for big sums help from electronic shall be taken and for
smaller transactions present method of paper currency with maximum value of Rs.
50 shall be allowed.
4.
Money deposit and transfer machines
|
Government should invite
industrialists for manufacturing swappers for electronic money transfer. The
quantity should be worked out considering even hawkers shall use it for money
transaction of Rs. 3 and above. Swapper machine must be cheap in initial cost
as well as operation-maintenance cost. In
order to transfer money from, one bank account to another account in different
bank this should be made possible using debit card & an automated
teller machine (ATM). All banks in India must come together &
allow interbank and
inter-account in the same bank fund
transfers through debit cards. A customer should go to any ATM and just punch
in the debit card number of the person to whom he/she wishes to transfer money.
Just type 16-digit debit card number the person to whom money is to
be transferred. Next specify amount to be transferred & confirm.
Payer’s account should get debit and payee’s account should get instant credit
of an equal amount. Thus money transfer should be made easy, secure and
instantaneous.
Swapper For Payment
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6. The
government must print currency notes for denomination of Rs. 50 &
below. There is no need to print many notes in hurry.
7. The
government should decide and declare withdrawal of currency notes with value
Rs. 100 & above.
8. There
should not be exchange of notes. Just either use low currency notes or
electronic swapper for transactions/money transfer.
9. Every
citizen must deposit in their bank all currency notes individually worth Rs.
100 & above duly signed.
10. Bank should
accept all signed currency notes and temporarily add amount to the bank
account.
11.
Check signature of Depositor
|
Every bank must check each
and every note and ensure that is genuine. Genuine notes be finally/permanently
deposited in individual’s account and intimate through SMS on mobile phone.
12.
पूरी
प्रणाली के पग नीचे दिये है।
1.
सबसे पहले आय टी कंपनीयों की मद़द़से कम्प्युटर और
मोबाईल फोन पर इस्तेमाल कर सके ऐसी सरल और अनपढ़ भी इस्तेमाल कर सकनेवाली प्रणाली
आर्थिक व्यवहार के विकसित करवानी चाहिये थी। ध्यान में रखे बांगलादेश में जब
महिलाओं के गुट बनाये तो यह सवाल उठाया था कि, अनपढ़ महिलाए मोबाईल फोन का
इस्तेमाल कैसे करेगी? मगर अनपढ़ महिलायोंने यह आशंका आसानीसे दूर की।
2.
अनपढ़ लोक
इस्तेमाल कर सके ऐसी प्रणाली विकसित हो सकती है। मगर उस में कोई कठिनाई महलूल हो
तो दो प्रणाली विकसित करें। एक पढ़े लिखों के लिये और दूसरी अनपढ़ों के लिये।
3.
पढ़े लिखे नागरिकों
के लिये डिजिटल प्रणाली विकसित करने के लिये ज़ाद़ा समय की आवश्यकता नही होनेसे
नगद़ के बिना आर्थिक व्यवहार चालू करने में दिक्कत नही आयेगी। जो अनपढ़ है उन की
रोज़मर्रा की ज़रुरते ५० रुपये या उससे कम कीमतवाली नोटोंसे चल सकती है।
Rs. 50 & below notes are adequate
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4.
जो अनपढ़ है उन
की रोज़मर्रा की ज़रुरते ५० रुपये या उससे कम कीमतवाली नोटोंसे चल सकती है। इस का
मत़लब है की, छोटी ज़रुरते ५० रुपये या उससे कम कीमतवाली नोटोंसे चल सकती है। याने
इससे जादा क़ीमतवाली नोचों की आवश्यकताही नही। इससे एक बड़ा फ़ायदा यह होगा की
काला पैसा रख़ने में दिक्क़ते बढ़ जायेगी और काला धन छुपाकर रख़ना कम हो जायेगा।
इस के और भी काफ़ी फायदे होंगे।
5.
वर्तमान में जो नोट व्यवहार में है उन्हे बैंक में
जमा करने का ऐसा तरीका अपनाये ज़िससे जनता और बैंक को कम तक़लिफ़ हो और व्यवहार
में खोट ना रहे। एक आसान तरीका यह है कि, हर
एक अपने बैंक ख़ाते में हर नोट पर स्वाक्षरी कर के १०० और उससे बड़े मूल्य के नोट
बैंक में जमा करें। बैंक का कर्मचारी स्वाक्षरी की अच्छी तऱहसे जाँच कर के खाते
में जमा करें मगर सिर्फ़ पूरी जाँच के बादही काय़म तरीकेसे रक़म जमा करें। याने
पूरी जाँच के बाद ही पैसा खाते में जमा कर दिया ज़ायेगा। यदी कोई अविश्वनीय पैसा ज़मा
करें तो बैंक उस की ख़बर आयकर खोते को दे दें। आ. कर खाता अपने तरीकीसे जाँच कर के
काले धन को पकड़ सकता है।
Money deposit and transfer machines
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Abnormal Deposit
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6.
शासनने
पूरी तैयारी करने के लिये सभी कारखानों को इलेक्ट्रॅानिक पैसों की लेन देन करने के
लिये स्वॅपर जैसे मशीन बनाने की जिम्मेवारी सौंपनी चाहिये। इस के लिये शासनने रु,
तीन का या ऐसा कमसे कम पैसों का लिमिट सामान बेंचनेवालो पर तय करना चाहिये। इस
मशीन कीमत और देखभाल का खर्चा कमसे कम होना चाहिये। पैसा अदा करने के लिये और भी
तरीके होने चाहिये। ऐसे तरी के होने चाहिये की नग़द राशी की आवश्यकताही महसूस ना
हो। डेबिट कार्ड-एटीएम का सहारा ले के रात को 12 बजे भी किसिको पैसा देने में या
किसिसे लेने में दिक्कत ना हो। लोगों
का विश्वास ज़ीतना बहुत महत्वपूर्ण है। लोगों का विश्वास हो गया और कायम रहा तो
नगद़ रक़म की जरुऱत ही महसूस नही होगी। ऐसा कानून होना जाहिये की यदी पैसा
देनेवाला डिजिटल तरीकेसे रक़म अदा करना जाहे तो लेनेवाले पर स्वीकार करना अनिवार्य
होगा। दूसरा एक कानून होना चाहिये की, यदी डिजिटल तरीकेसे रक़म अदा की जाय तो
शासन/बैंक/बेपारी या कोई भी उसपर कर वसून ना करेगा। यदी दे सके तो कोई रक़म बक्शीश
दी जाय।
Swapper For Payment
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7. शासन को काग़ज के
नोट छ़ापने की जरुरत महसूस नही होगी और नोट छापनेही पड़े तो वे रु. ५० या उससे कम
कीमत के ही छ़ापने होंगे। इस की वज़हसे नोट छापने में खर्चा कम होगा और काला धन
कोई इकठ्ठा नही करेगा। ना नोट बदली का निर्णय लेने की शासन को ज़रुरत होगी ना और
नये नोट छापने की।
यदी इस
तरीकेसे यह निर्णय व्यवहार में लाया जाय तो कोई भी कानूनसे चलनेवाला व्यक्ति इससे
नाखूष़ नही होगा।
2 comments:
भाजपाने नोटाबंदी (खरे म्हणजे नोटा बदली) हा निर्णय योजनाबद्ध रीतीने न घेता अव्यवहारीक पद्धतीने घेतला आहे. त्यामुळे मोठे मासे गळाला लागले नाहित. उलट सर्वसामान्यांना मात्र खूप त्रास झाला व होत आहे, जसे काय तेच खरे काळाबाजारवाले व लाचखाऊ. ३/४ वर्षपूर्वी याबद्दल माझ्या वाचनात एक लेख आला होता. आता खात्री वाटते की, हे नियोजन अगदी तसेच व्हावयास पाहिजे होते. ते थोडक्यात असे. सर्वप्रथम शासनाने सगळ्या सॉफ्टवेअर कंपन्यांना पैसे हस्तांतरित करण्याकरिता सोपे, सुरक्षित व बहुसंख्यकांना वापरता येईल असे सॉफ्टवेअर बनवून घ्यावे. दुसऱ्या पायरीत हे सॉफ्टवेअर व्यापाऱ्यांना वापरण्यास अनिवार्य करावे म्हणजेच पैसे देणारा जर या माध्यामातून पैसे देऊ इच्छित असेल तर ते व्यापाऱ्याने स्वीकारलेच पाहिजेत. येथे व्यापारी म्हणजे नागरिकांना माल व सेवा पुरविणारा. या नंतर बँकांना शून्य शिल्लकीचे खाते चालू करण्यास अनिवार्य करणे. हे व्यवस्थित चालू झाले म्हणजे. एक दिवशी सर्व नागरिकांना ऱु. १०० किवा जास्त दर्शनी किंमतीच्या नोटा (प्रत्येक) नोटीवर सही करुन आपापल्या बँक खात्यात जमा करण्यास सांगणे. बँकानी सही तपासून नोटा जमा करुन घ्याव्यात व त्यांच्या खात्यावर तात्पुरती जमा म्हणून नोंदवाव्यात. एक आठवड्यात सर्व नोटा तपासून त्यांची नोंद करावी. ज्यांनी कांही ठराविक रकमेपेक्षा जास्त पैसे जमा केले असतील त्यांची नांवे आयकर खात्याला व खोट्या नोटांची माहिती पोलिस खात्याकडे पाठवावी. त्यावर जी कायद्यानुसार कारवाई होईल त्यामधे बँकेचा सहभाग फक्त माहिती देण्यापुरता व संबंधित खात्यांचा दोषीवर खटला चालविण्या व शासन करविण्याकरिता असावा. थोडक्यात या नियोजनात खरी नोटाबंदी दिसते व सर्व पद्धत नियमबद्ध जाणवते. हे जर झाले असते तर सर्वसामान्य नागरिकांना कसलाही त्रास झाला नसता. जे लोक बँकेतील पैसा वापरु शकले नसते म्हणजेच अडाणी नागरिकाकरिता रु. ५० च्या नोटा पुरेशा होत्या. जो खर्च ५००/२००० दर्शनी किंमतीच्या नोटावर केला त्याच्या १०/२०% खर्च रु. ५० च्या नोटावर केला असता तरी तो पुरेसा होता. त्या पेक्षा मोठ्या नोटा चलनातून काढल्यामुळे लांचखोरांची मात्र मोठी अडचण झाली असती. सध्याच्या निर्णयामुळे लांचखोर कोठल्याही संकटात सापडले नाहित. लांचखोरांची उदाहरणे रोज वर्तमानपत्रात, टीव्हीवर पहावयास मिळतात(रु. पन्नास लाखांची लाच देणे व स्वीकारणे चालूच आहे).
This is to inform the general public Male/Female who are healthy and %100 serious in selling their kidney for $550,000.00 should urgently contact Dr. Amar Ahirwar. As we have a lot of patients who are here for kidney transplant,Our hospital is specialized in Kidney Surgery/transplant and other major treatment. whatsaap me +91-8050773651 or e-mail amarahirwar712@gmail.com
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