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Saturday, 30 July 2011

SHARING SOME THOUGHTS TO PONDER:


यदी आप गुगल क्रोम इस्तेमाल करते हो तो हिंदी में पढ़ने के लिये इधर क्लिक किजीये. फायर फॉक्स आय इस्तेमाल करते हो तो भी शायद पढ़ सकेंगे। प्रयत्न किजीये।
Yesterday, I was driving, and the FM radio went off for few seconds. I thought, I should have an iPod. Then suddenly I realized that I have not used my iPod in last 6 months. And then… more things, Handy cam in last 2 years, Digital Camera in last 4 months, DVD player in last 6 months and many more. Now I can say that I bought that Handy cam just out of impulse, I have used it twice only in last 4 years.

Why honourable Annaji and Babaji are placing their life to stake?

It is a fact that people of India are tired of corruption and almost all or against it.You may read more details here. Common man is harassed by corruption and corrupt people. In spite of this people may not be satisfied with a single solution of 'Lokpal' . Lokpal cannot stop corruption. Lokpal may be able to prove some of the corrupt people that they are corrupt and may be able to punish them. Punishment is no guarantee that a person would improve. Read reasons hereOnly Islam believes in severe punishment to keep a person on track. However, when this was accepted by Islam conditions were different. It is said that power makes a person corrupt and absolute power makes the person absolutely corrupt. In India to gain power it is necessary to contest elections. To get elected politicians use many ways and almost all ways need money. Politicians believe in making money after getting power is easy and a small part is invested to contest and win in election. This is the simplest, dependable method to make money using heinous methods.

सन्माननिय अण्णा और बाबा अपनी जिंदगी दाँवपर क्यों लगा रहे हैं।

यह सत्य है कि भ्रष्टाचारसे जनता त्रस्त है, जनता भ्रष्टाचार के विरुद्ध है (इधर पढिये), भ्रष्टाचारने सामान्य व्यक्तियैं का जीना हराम कर दिया है। मगर भ्रष्टाचारियों का निर्मूलन सिर्फ लोकपाल कर नही सकता। मन में भगवान का डर पैदा कर के लोगों को अच्छे बर्ताव के लिये प्रेरित किया जा सकता है। मगर मनुष्यने मनुष्य को दी जानेवाली सज़ा के डरसे कोई भी मनुष्य डर नही जाता। (इधर पढिये/देखें)। सिर्फ इस्लाम ऐसा मानता है। इस्लाम में जब इस तत्त्व का अंतर्भाव हुआ तब की परिस्थिती अलग थी। अब की परिस्थिती अलग है। अंग्रेजी में कहावत है। सत्तासे भ्रष्टाचार का जन्म होता है और असीमित सत्तासे भ्रष्टाचार भी असीमित होता है।

Thursday, 28 July 2011

Why Demons are Targeting India, Pakistan and Afghanistan only? Solution?

Recent bomb blasts all over India Pakistan and Afghanistan show that the extremists in Pakistan are doing a heinous job. It is claimed that western countries such acts have been stopped by strict antiterrorist activities. There are no blasts in China. Reasons for these may be different what are thought off. There is a need to go in to fundamentals of terrorists and attacks. Surface information may not show the real conditions and facts.

Tuesday, 19 July 2011

My Contribution for Fight against Extremist/Terrorist Attacks:

Every person in the world can and needs fight against brutal attacks from extremists and terrorists. There is a need from the government to support people. Every one in the world should think and find ways and means to face this challenge. Fundamental reason for such attacks is hyper mania. Such maniacs have sort of procedure to plan and execute their bloody acts. Earlier blasts in various places in the world, especially in India show that they have a network with headquarters in Pakistan and sleeper cells in India.

Black Money is Result of Corruption:

Black Money
Honourable Anna Hazare has taken up fight with the government on behalf of the Indian citizens for making suitable authority to find and punish all those who indulge in corruption. Shri Ram Dev Baba has taken up another burning issue of black money invested by corrupt persons in foreign banks. Both have raised very dear issues to a common man. Both claim that they represent common man. Citizens of India are supporting both as shown by the media. However, there is a doubt who represents citizens of India?

भ्रष्टाचार ही काले धन का मूल है।


सन्मानिय श्री अण्णा हजारे जनता के भले के लिये शासन से बातचीत कर रहे है। भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई कर रहे है। भ्रष्टाचारी व्यक्तिओं को पकड़ने और सजा देने के लिये लोकपाल यंत्रणा बनाने के लिये आग्रह कर रहे है। सन्मानिय श्री राम देव बाबा परदेशी बैंको से भारतीय व्यक्तियों ने जमा की हुई पुंजी भारत में वापस लाने की मांग कर रहे है। दोनो ने ही भारतीय जनता के हित के लिये आवाज उठाई है। दोनो ही भारतिय जनता के तरफ़ से शासन से बातचीत करने का दावा करते है। क्या सन्मानिय श्री अण्णा हजारे और सन्मानिय श्री राम देव बाबा जनता के प्रतिनिधी है? ऐसा हो तो फिर जनता ने चुने हुये प्रतिनिधी कौन है?

Sunday, 10 July 2011

विकास कोणता व कसा?

मनुष्याचा विकास दोन प्रकारचा आहे. पहिला अध्यात्मिक व दुसरा आर्थिक. आपण म्हणतो अर्थाशिवाय विकास नाही. अर्थ या शब्दाचा उपयोग योग्य, उपयुक्तता असाही होतो व पैसा असाही होतो. या वाक्यात दोन्हीही उपयोग बरोबर आहेत. विकास उपयुक्त असावा. नाही तर त्याला विकास म्हणता येणार नाही. तसेच भौक्तिक विकासाकरिता पैसा आवश्यक आहे. भारतामध्ये व विशेषतः महाराष्ट्रात साधुसंतांनी अध्यात्मिक विकासाकरिता खूप प्रयत्न केले.

Friday, 8 July 2011

भ्रष्टाचार के विरुद्ध जनताः

भ्रष्टाचार के विरूद्ध भारतीय जनता में असंतोष है। यह अच्छी बात है। भ्रष्टाचार का निपटारा होना आवश्यक है। भ्रष्टाचार मिट गया तो कम कीमत में जादा विकास के लिये काम कर सकते है। मगर भ्रष्टाचार मिटाने के लिये जो भी करना है वह संपूर्ण अभ्यास के बाद ही सफलतापूर्वक कर सकते है। एखाद दूसरा कदम अंधेरे में उठानेसे भ्रष्टाचार मिटेगा नही. थोडा बहुत कम हो सकता हैं। भ्रष्टाचार के कारण जान लेने के बाद सर्व दिशाओं को ध्यान में रखकर कदम उठाये तो संपूर्ण ना सही बड़ी मात्रा में भ्रष्टाचार नष्ट हो जायेगा. मेरी जानकारी और सोच के हिसाब से भ्रष्टाचार के कारण निम्ऩ सूची में दिये हुये है।

Saturday, 2 July 2011

अमेरिकेवर कितपत विश्वास ठेवावा!

अमेरिकेमुळे भारताला फायदे झाले आहेत. परंतु, हे फायदे मैत्रीमुळे झाले असे म्हणता येणार नाही. अमेरिका जे करते ते स्वतःकरता. मित्राला फायदा व्हावा हा अमेरिकेचा उद्देश कधीही नसतो. फायदा होत असेल तर तो एक बायप्रॉडक्ट असतो. भारतीय संस्कृतीत मित्राकरिता आवश्यकतेनुसार प्राण देणे

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