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Wednesday, 5 January 2011

New Bank Accounts:



नया बैंक खाता
हिंदी में पढ़ने के लिये नीचे स्क्रोल किजिये।


Description of Charges Regular Savings Account Minimum Balance (Average Quarterly Balance) From HDFC Bank.
Option 1
Rs. 10,000 (Metro / Urban), Rs. 5000 (Semi-Urban / Rural)
Option 2
NIL with a Fixed deposit of Rs. 50,000
Charges on non maintenance thereof
Option 1
Rs. 750 per qtr
Option 2
In case of non maintenance of Rs. 50,000 Fixed Deposit - Rs. 750 per qtr
Cheque Book
Free - 25 cheque leaves per calendar quarter
Additional chequebook of 25 leaves will be charged @ Rs 50/- per chequebook
Rs. 5 per leaf on non-maintenance of min. balance.

Battle against corruption needs money transactions through banks. There are circumstances which compel citizens to follow unscrupulous methods for money transactions. People are shy to open bank account as some money is locked on their account and transactions are too slow.
Some people get huge earnings during a short span of their life and this money is required for remainder of the life. There are people who occasionally get a big amount and this they are dependent on this money for a few months or years. Farmers' income is seasonal and they need money for their day to day living and agricultural investment through out the year. Such needs if taken care off tendency of citizens to deceive state shall be curbed to a great extent. A few more bank accounts should be authorised and implemented in all banks specially nationalised banks. The government may provide part of the operation expenditure to the banks wherever needed. Suggested bank accounts are as under:-
  1. Zero Balance Account with chequebook facility: This account is needed for all citizens over 16 years age for buying day to day needs. Most of the people do not have adequate money to maintain minimum balance as specified presently by the banks. They earn and spend within a short period after earning. In order to make it easy for them for money transfer such an account is must. This shall facilitate them to buy their needs using instantaneous cheque transfer. In order to implement this procedure the government must develop a computer software programme for instantaneous money transfer. When an article purchased or a service is hired, the provider should have access to bank network through a specific machine with his/her specific bank account firstly to find whether the required amount is available. For this purpose the customer would produce a cheque duly signed and or with thumb impression. Once the confirmation is received the amount should be blocked for that transaction. Customer then signs and or provide thumb impression for completing transaction. Transfer should take place from customer's account to provider's account specified in the machine and not to any other account. This shall ensure safe transaction and avoid currency notes for transaction. This account should give special concessions like 'zero balance', 'free cheque book'. Other constraints for opening account must continue as existing at present. Intrest available in this account may be less than 'present saving bank account'. The government shall save on expenditure on producing currency notes. This saving may be given to banks as subsidiary for such accounts.
  2. Special Provident Fund Account: All those in entertainment industry, sports, and labour intensive works earn during a specific period of their life. These earnings they need for rest of their life. However their income is taken for the year when they earn and have to pay unbearable income tax. This account is needed for such citizens so that they do not pay income tax when they earn but pay tax when they spend. Honest tax payers are made to use unscrupulous means to evade tax. This situation must be changed and the solution is the subject account. Citizens should be able to deposit their earnings for which no income tax shall be applicable during the year of deposit. Account should get them low interest say 'equal to interest against traditional savings bank account'. In short this shall not be considered as income in the year they receive it. Regular tax must be paid when amount is withdrawn from this account in a particular year. There may be limit of withdrawal say 25% of deposit amount in any particular year. This account shall attract sizeable deposits and shall be available at low interest for banks i. e. state.
  3. Farmers' Bank Account: Although agriculture income is outside income tax purview, this account is needed for financial management for farmers. Farmers' income is seasonal and expenditure is regular. Farmers cannot maintain specific balance in their account. Farmers cannot maintain periodicity of withdrawal. This account should be like present 'current account' with interest paid for 'savings bank account'.

Suggestions on additional bank accounts and workability of above accounts are welcome.

नया बैंक खाता

पेटीशन पर हस्ताक्षर करने के लिये इधर क्लिक किजिये।

¯ÖÏןÖ,

डॉ. रघुराम राजन

गव्हर्नर, रिज़र्व बैंक भारत शासन,

क्रेन्द्रिय कार्यालय इमारत
शहीद भगत सिंह मार्ग.
मुंबई 400 001
दूरध्वनिः 022 22660868, फॅक्सः 022 22661784
helpprd@rbi.org.in
भारतीय अर्थव्यवस्था
गिरते हुअे रुपय्ये को बचाने में आपने काफी मेहनत की ओर आपने उस का फल भी दिख़ा दिया। मैं आप के सामने ऐसे सत्य पेश करना चाहता हूँ जिन के बारे में सोचना बाकी है। भारतीय अर्थव्यवस्था की ताक़द लोगों की बचत रही है। जब पूरी दुनिया में हडबड मची थी तब भारतीय अर्थव्यवस्था पूरी ताकदसे खडी थी। रुपया का मूल्य डालर के हिसाबसे बढ़ता था। भारत की कमजोरी जादा आयात और कम निर्यात में है। पिछले दिनो तेल की आयात 8 प्रतिशत घटी, सोने की आयात 80 प्रतिशतसे जादा घटी तो रुपये का मूल्य बढ़ गया। शासन का काम है की, भारत की अर्थव्यवस्था सुदृढ रहे। इस लिये आम आदमी क्या सभी भारतीयों को बचत करने में प्रोत्साहन दे। इथेनाल का इस्तेमाल पेट्रोल के साथ हो सकता हे। यदी आयल कंपनीयाँ ना माने तो इथेनाल अलगसे जनता को उपलब्ध कर के दिया जाय। खुछ व्यक्ति ऐसे है कि उन का काम करने का समय 10-15 साल का होता है। उस के बाद कितने ही लोग को करुणाजनक जिंदगी जीनी पडती है। किसानों की आमदनी साल में एक दफे होती है मगर खर्चा हररोज़ होता है। किसानों को और भी तकलीफ़ हो। अच्छे बीज समयसे ना मिले, खाद ना मिले तो खेती का उत्पादन इतना कम होता है की, आधा खर्चा भी नही निकलता। ऐसी तकलीफे़ दूर करने का लिये नये बैंक खाते चाहिये. उन का ब्यौरा आगे दिया है।
1.              शून्य रोकड खाताः रिज़र्व बैंकने ऐसे अकौंट की आवश्यकता ध्यान में रख़कर बेसिक अकौंट के नाम का अकौंट शूरु किया है। यह सुविधा वर्तमान बचत खाते को दी जाय।
2.               विशेष भविष्य निर्वाहनिधी खाताः भारत के कई नागरिक 10-15 कमा सकते है और जोभी कमाई होगी उस में बाकी जिंदगी गुजारनी पडती है। ऐसे नागरिक अपनी आय कम दिखा के आयकर बचाते है और छुपाया हुआ पैसा या तो कोई गलत धंदे में इस्तेमाल करते है या उससे सोना जेवरात खरीदते है। जो यह नही करते उन्हे या तो बाकी लोगों के मर्जी पर निर्भर रहना पडता है या शासन पर। ऐसे लोगों के लिये ऐसे अकौंट की जरुरत है कि जिस में रखा हुआ पैसा सुरक्षित रहेगा, कुछ ब्याज मिलेगा और उस के उपर कोई आय कर देय नही होगा. आय कर ज़रूर देना पडे़गा मगर वह जब पैसा बैंकसे निकालने समय। व्यक्ति को यह फ़ायदा होगा कि पैसा सुरक्षित रहेगा और पैसा रखते समय कोईआय कर नही देना पडेगा। शासन को यह फ़ायदा होगा की, यह पैसा शासन को कम सूद पर मिलेगा और जब वापस करना पड़ेगा तब उस पर आयकर भी मिलेगा।
3.              आवर्ती वापसी खाताः यह खाता, आवर्ती ज़मा खाते के विरुद्ध होगा। इस में व्यक्ति एकल राशि जमा कर के हर महिने निश्चित राशि पायेगा किसानों के लिये यह काफी लाभदायक रहेगा। बहुसंख्य किसान साल में एक बार फसल बेच कर पैसा कमाते है। मगर खर्चा तो सालभर चलता है। ऐसा खाता हो तो वह शासन और किसान दोनों को लाभदायक होगा।
4.             विशेष चालू खाताः  किसानों को कर्जा देने की बज़ाय बैंकसे आसानीसे और वख्त पर पैसा मिलने के लिये यह खाता बहुउपयोगी है। किसान कभी भी घर में पैसा नही सम्माल सकता। घर में जितना ही पैसा हो वह कुछ ही दिनों में खर्चा हो जाता हे। किसानों के लिये ऐसा चालू खाता बोना जाहिये कि जिस में कभी भी पैसा रख सकते है और मान्य की हुई मर्यादा तक जरूरत के हिसाबसे उस में पैसा निकाल सकते हो। बैंक उस पर ब्याज (सूद) जरूर ले ले मगर वह बचतखाते के ब्याजसे ज़ादा हो।
ऐसे बैंक खाते बचत बढ़ायेंगेही उस के साथ काले धन पर कुछ हद तक रोक लगायेंगे। किसान कुछ हद तक आत्महत्यासे दूर रहेंगे। बचत बढ़नेसे रुपया के मूल्य में सुधार होगा।

3 comments:

Anonymous said...

One more account should be opened who get lump sum money and want it to be invested so that he/she starts getting monthly some fixed amount. This should be reverse of recurring deposit account. Money would be deposited by client at one time and he/she starts receiving fixed monthly income like EMI for a chosen period.

Janahitwadi said...

Anonymous, This a great suggestion. I feel all shall agree with me.

Madhave Bamne said...

शून्य बॅलन्स अकॉउंट
महाराष्ट्र टाइम्सच्या मुखपृष्ठावर पुढील बातमी चौकटीत दिली आहे. मुंबईः सेव्हिंग अकॉउंटसाठी वापरल्या जाणाऱ्या 'नो फ्रिल्स' नांवामुळे बँक अकॉउंट उघडण्यात अडचणी येत आहेत. त्यामुळे हे नाव काढून त्यास बेसिक बँक अकॉउंट असे नाव देण्यात येणार आहे. या अकॉउंटवर बॅलन्स शून्य असला तरीही कोणतेही शूल्क लावू नये, असा आदेश रिर्झव्ह बँकेने दिला आहे. तसेच या अकॉउंटसाठी असलेल्या एटीएम कम डेबिट कार्डसाठी अतिरिक्त शुल्क आकारू नये, अशी सूचना बँकेने सर्व शाड्यूल्ड कमर्शिअल बँकांना केली.
भ्रष्टाराविरूद्धच्या लढ्याकरिता हे टाकलेले पहिले, छोटे परंतु निर्णायक पाऊल समजावे. आता या http://janahitwadi.blogspot.in/2011/01/new-bank-accounts.html लेखात मांडल्याप्रमाणे इतर अकॉउंट उघडण्याकरिता रिर्झव्ह बँकेने पुढचे पाऊल टाकले पाहिजे. त्याच बरोबर रोखीचे व्यवहार बंद करण्यासाठी त्या लेखात सांगितल्याप्रमाणे व्यवस्था निर्माण करावी. या लेखामध्ये इतरही उपाय सांगितले आहेत त्यांची अम्मलबजावणी व्हावी. जनतेने त्याकरिता पुढाकार घ्यावा. त्यांचे नेतृत्त्व समाजसेवकांनी करावे.

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